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अधिकार | Adhikar

AdhikarAdhikar

Adhikar

“हर एक अधिकार (Adhikar) का मतलब एक जिम्मेदारी है ; हर एक अवसर एक उपकार और हर एक परिग्रह एक कर्तव्य है।”
– जॉन डी. रॉकफेलर

एक साधु घूमते – घामते किसी धनवान के बगीचे में जा पहुंचे। उस धनी व्यक्ति ने उन्हें कोई साधारण मजदूर समझकर कहा -‘तुझे यदि कुछ काम चाहिए तो बगीचे के माली का काम कर। मुझे एक माली की आवश्यकता है।’

साधु को एकांत बगीचा भजन के लिए उपयुक्त जान पड़ा। उन्होंने उस व्यक्ति की बात स्वीकार कर ली। बगीचे का काम करते हुए उन्हें कुछ दिन बीत गए । एक दिन बगीचे का मालिक ने कुछ दोस्तों के साथ बगीचे में आ पहुंचा। उसने साधु को कुछ आम लाने को कहा । साधु कुछ पके आम तोड़ कर ले आये। किन्तु वे सभी खट्टे निकले । बगीचे के मालिक ने नाराज होकर कहा -‘तुझे इतने दिन यहाँ रहते हो गए और यह भी पता नहीं कि किस पेड़ के फल खट्टे हैं तथा किसके मीठे ?’

साथु ने तनिक हंसकर कहा – ‘अपने मुझे बगीचे की रक्षा के लिए नियुक्त किया है। फल खाने का अधिकार (Adhikar) तो दिया नहीं है। आपके आदेश के बिना मै आपके बगीचे का फल कैसे खा सकता था और खाये बिना खट्टे-मीठे का पता कैसे लगता।’

वह व्यक्ति तो आश्चर्य से साथु का मुख देखता रह गया।