घोंसला | Ghonsla

उमा के घर के पीछे एक बबूल का पेड़ था| उमा उसे अपने कमरे की खिड़की से देखती रहती थी| एक दिन उसने देखा की एक चिड़िया बार-बार आ जा रही है| वह अपनी चोंच में छोटे-बड़े तिनके लाती है, उन्हें पेड़ की डाल पर रखती जाती है| उसने माँ से पूछा ‘ये चिड़िया कितना […]

घमंड का फल | Ghamand ka fal

गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी आदि अनेक नदियाँ इठलाती हुई चली आ रही थी। वे कल-कल ,छल-छल करती हुई सागर के जल में गिर रही थी। सागर बढ़े ध्यान से उनका आना देख रहा था। उसने देखा कि किसी नदी का जल सफ़ेद है, किसी का हरापन लिए हुए , किसी का नीलिमा की झलक लिए। […]

योगक्षेमं वहाम्यहम् | Yogkshemam Vahamyhm

अनन्याश्चन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते। तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् (Yogkshemam Vahamyhm)।।9.22।। भावार्थ : जो अनन्यप्रेमी भक्तजन मुझ परमेश्वर को निरंतर चिंतन करते हुए निष्कामभाव से भजते हैं, उन नित्य-निरंतर मेरा चिंतन करने वाले मनुष्य का योगक्षेम (भगवत्‌स्वरूप की प्राप्ति का नाम ‘योग’ है और भगवत्‌प्राप्ति के निमित्त किए हुए साधन की रक्षा का नाम ‘क्षेम’ […]

तपस्या श्रेष्ठ है या सत्संग | Tapasya shreshth hai ya Satsang

एक बार विश्वामित्र जी और वसिष्ठ जी में विवाद छिड़ गया कि तपस्या श्रेष्ठ है या सत्संग (Tapasya shreshth hai ya Satsang) । विश्वामित्र जी तपस्या के धनी है। अतः उन्हें उन्हें अपनी तपस्या का अतीव घमंड है तो विश्वामित्र जी अपनी तपस्या की श्रेष्ठता का प्रतिपादन कर रहे थे और वशिष्ठ जी महाराज कह […]

अधिकार | Adhikar

“हर एक अधिकार (Adhikar) का मतलब एक जिम्मेदारी है ; हर एक अवसर एक उपकार और हर एक परिग्रह एक कर्तव्य है।” – जॉन डी. रॉकफेलर एक साधु घूमते – घामते किसी धनवान के बगीचे में जा पहुंचे। उस धनी व्यक्ति ने उन्हें कोई साधारण मजदूर समझकर कहा -‘तुझे यदि कुछ काम चाहिए तो बगीचे […]

गंगा दशहरा | Ganga Dussehra

गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) एक प्रमुख हिन्दू पर्व (Hindu Festival) है। प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। स्कन्दपुराण में लिखा हुआ है कि ज्येष्ठ शुक्ला दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है ।इस दिन किसी भी नदी पर जाकर अर्घ्य (पूजादिक) एवं तिलोदक (तीर्थ प्राप्ति निमित्तक तर्पण) करने का […]

Significance of Shiva

हिंदू धर्म में 18 पुराण हैं। सभी पुराण हिंदू भगवानों की कहानियां बताते हैं। कुछ समान बातों के अलावे सभी कुछ हद तक अलग-अलग कहानियां बयां करते हैं। इसमें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के जन्म के साथ ही देवताओं की भी कहानियां सम्मिलित हैं। वेदों में भगवान को निराकार रूप बताया है जबकि पुराणों में […]