चालीसा संग्रह – श्री गणेश चालीसा

जय जय जय गणपति गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभ काजू ॥

जय गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायक बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन ।
तिलक त्रिपुण्ड भल मन भावन ॥

राजित मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

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